समाज को देना भारतीय कृति है, और स्वयं के लिए सुरक्षित रखना पशुवृत्ति – डॉ. कृष्णगोपाल जी

आगरा (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि भारतीय दर्शन की मौलिकता है कि यह सभी को एक मानने की भावना को जन्म देता है| वर्षो से कृतज्ञता का भाव हमें एकात्मबोध की ओर अग्रसर करता है| जिसको जरूरत है, अपने में से उसे अधिकतम देना यह भारतीय कृति है और केवल अपने लिए बचाकर रखना यह पशुवृत्ति है| राष्ट्र बड़ा होता है तो संवेदनाओं के बल पर| सह सरकार्यवाह जी रविवार 09 अप्रैल को अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम आगरा महानगर के सेवा प्रकल्प संस्थान द्वारा नवनिर्मित नवीन मंघरानी वनवासी कन्या छात्रावास के लोकार्पण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे|

कार्यक्रम में उपस्थित पूर्वोत्तर की छात्राओं, बुद्धिजीवियों, समाज सेवियों को संबोधित किया. सह सरकार्यवाह जी ने कहा कि बाल अवस्था में ही राष्ट्रीय एकात्मभाव उत्पन्न हो जाए तो राष्ट्रीय कल्याण के कार्य अराष्ट्रीय बनाने के अभियानों को कभी भी सफल नहीं होने देते| हजारों वर्षो से हमारी संस्कृति को विकृत करने का कार्य किया जा रहा था, पूर्वोत्तर में अभारतीय भावनाओं के बल पर समाज में झगड़ा कराने के प्रयत्न जारी थे| लेकिन संघ के स्वयंसेवकों ने सेवा कार्यों के साथ पूर्वोत्तर भारत के प्रत्येक क्षेत्र में मोर्चा संभाला और झगड़ा कराने वाले कमजोर हो गए| डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि हर दंगे के बाद नई फसल मिलती है, लेकिन उत्तर पूर्व में ऐसे दंगे चल नहीं पाए क्योंकि वनवासी बंधुओं ने इन्हें सफल नहीं होने दिया| छह बालकों के साथ वनवासी कल्याण का जो सेवा कार्य पूर्वोत्तर में प्रारंभ किया, वह आज दो हजार से अधिक सेवा के प्रकल्पों के साथ पूरे देश भर में अनुकरणीय बन रहा है| उन्होंने कहा कि वनवासी समाज रामायण काल से राणा के भीलों के रूप में दुश्मनों से लड़ता रहा|

कार्यक्रम में मंचासीन मानस मर्मज्ञ संत अतुल कृष्ण भारद्वाज जी, वनवासी कल्याण आश्रम की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीलिमा पट्टे जी, समाजसेवी नंदकिशोर मंघरानी जी, समाजसेवी सहेंद्र सचदेवा जी ने भी विचार रखे| कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख सुरेशचंद्र जी, ब्रजप्रांत के प्रचारक डॉ. हरीश जी, वनवासी कल्याण आश्रम के अ.भा. स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. पंकज भाटिया जी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *