शताब्दी वर्ष के निमित्त समाज की प्रमुख हस्तियों से संवाद करेगा संघ

26, 27, 28 अगस्त को विज्ञान भवन में तीन दिवसीय व्याख्यानमाला

देश के चार महानगरों सहित 1000 से अधिक स्थानों पर गोष्ठियों का होगा आयोजन

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के निमित्त जिला केंद्र से लेकर अखिल भारतीय स्तर तक समाज के प्रमुख नागरिकों के साथ संवाद करेगा। इस क्रम में देशभर में एक हजार से अधिक स्थानों पर प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन होगा। चार प्रमुख महानगरों सहित कुछ अन्य प्रमुख स्थानों पर गोष्ठियां होंगी। दिल्ली, मुंबई (फरवरी), कोलकता, बंगलुरु (नवंबर) में होने वाले कार्यक्रमों में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी की उपस्थिति रहेगी। इसी प्रकार सरकार्यवाह जी, अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता भी विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में उपस्थित रहेंगे।

इस क्रम में दिल्ली के विज्ञान भवन में 26, 27, 28 अगस्त तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है। केशव कुंज में आयोजित पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने व्याख्यानमाला के संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय व्याख्यानमाला में समाज के सभी क्षेत्रों, वर्गों और विचारधाराओं की प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके लिए सामाजिक, आर्थिक, आध्यात्मिक, खेल, शिक्षा, ज्ञान परंपरा एवं भाषा, इंटरप्रेन्योर और भारत स्थित विभिन्न देशों के दूतावास से भी नाम शामिल किए हैं। विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों को 17 श्रेणियों और 138 उप-श्रेणियों के अनुसार आमंत्रित किया जा रहा है।

तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के विषयों पर सुनील आंबेकर जी ने कहा कि 100 वर्षों की संघ की यात्रा, स्वयंसेवकों की भूमिका एवं अनुभवों के साथ ही भविष्य में जिन क्षेत्रों में संघ को आगे बढ़ना है, इस पर सरसंघचालक जी अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। साथ ही पंच परिवर्तन पर संघ की सोच और इसमें समाज की अपेक्षित सहभागिता की योजनाओं पर भी चर्चा होगी। वर्तमान समय में देश प्रगति कती राह पर आगे बढ़ रहा है। देश की लगातार बढ़ रही आशा एवं आकांक्षाओं में स्वयंसेवकों के योगदान पर भी बात होगी और नए क्षितिज की ओर भारत को आगे बढ़ना है तो स्वत्व और अपने पराक्रम से ही आगे बढ़ा जा सकता है। गुलामी के कालखंड से चले आ रहे औपनिवेशिक मापदंडों पर भी चर्चा होगी और अब तक दबी रही भारतीय समाज की असीमित क्षमताओं को उभारने पर भी विचार रखा जाएगा। साथ ही वर्तमान समय में देश-समाज के लिए महत्वपूर्ण विषयों सहित भारत की वैश्विक भूमिका पर भी बात होगी। व्याख्यानमाला के तीसरे दिन सरसंघचालक जी लिखित प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का उत्तर देंगे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्षों की अपनी यात्रा में संघ ने समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने और यह बताने का हमेशा प्रयत्न किया है कि संघ का विचार अलग नहीं, बल्कि भारत की स्थापित परंपरा पर ही आधारित है। संघ का विचार सबके साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाने में योगदान करने का रहा है और हम चाहते हैं कि पूरा देश एक साथ मिलकर इस विकास की यात्रा को आगे बढ़ाए। इसमें योगदान करते हुए स्वावलंबी भारत जैसे अभियानों के तहत संघ के स्वयंसेवक विभिन्न क्षेत्रों में सहभागी और सहयोगी की भूमिका भी निभा रहे हैं।

उनके साथ मंच पर दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल जी उपस्थित रहे।

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